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रिश्तों को सम्मान दीजिये

कहते हैं कि बच्चा जन्म के साथ ही अनेक रिश्तों के बंधन में बंध जाता है रिश्तों के ताने बाने से ही परिवार का निर्माण होता है। मां के व्यवहार और पिता की बातों का अनुसरण करते हुए ही बच्चा समाज और रिश्तों की महत्ता को समझता हुआ बहुत से नए रिश्तों से जुडता चला जाता है। किशोरावस्था के दौरान बालक में स्पर्धा की भावना जन्म ले लेती है उसकी शुरुआत परिवार से होती है । पुत्र परिवार में स्वयं को पिता का उत्तराधिकारी मानने लगता है वह चाहता है कि बड़े उसके निर्णय का सम्मान करें लेकिन यदि उसको लगे कि बड़ों की निगाह में उसके निर्णय का कोई मूल्य नहीं है तब उसे ठेस पहुंचती है । परिणामस्वरूप यही से बालक अन्य रिश्तों की अहमियत को महत्व नही देता है । ये सत्य है कि सभी रिश्तों का आधार संवेदना होती है, अर्थात सम और वेदना का यानि की सुख और दुख का मिलाजुला रूप जो प्रत्येक मानव को धूप और छाँव की भावनाओं से सराबोर कर देती हैं। रिश्तों को झुठलाने के पीछे एक कारण जिंदगी में आई तीव्रता है। काम के बोझ और तेज रफ्तार जिंदगी ने रिश्तेदारों में दूरियां बढ़ा दी हैं, आजकल माता पिता के पास समय की कमी होती है। माता पिता और बच्चे कई हफ्तों तक एक साथ बैठकर बातचीत नहीं करते हैं। ऎसे में उनको रिश्ते नाते, संस्कार समझाने का समय नही मिलता । हर कोई अपना काम जल्दी से जल्दी और अपने हिसाब से करना चाहता है। माता पिता अपनी जिंदगी में व्यस्त रहते हैं और बच्चे अपनी जिंदगी में। इसलिए बच्चों की नीव मजबूत हो नहीं पाती । जिससे वो रिश्तों की अहमियत को समझ नहीं पाते है बड़े होकर वो वही करते हैं जो अपने आस पास देखते हैं । ऐसे मैं बच्चा बड़ा होकर रिश्तों और रिश्तों की अहमियत को क्या समझेगा. जहाँ तक मैं समझती हूँ कि हर रिश्ते की अपनी एक अलग मर्यादा होती है और जब कोई रिश्ते की मर्यादा को लांघकर उस रिश्ते को तार तार कर देता है ऎसे अमर्यादित रिश्ते जिनकी समाज में कोई जगह नहीं है। तो ऎसे रिश्ते अपनी गरिमा को ही नहीं विश्वास को भी खो बैठते हैं। जीवन निर्वाह के सभी विषयों एवं सम्बन्धों के नियम निर्धारित होते हैं ताकि इन्सान का जीवन सुचारू रूप से गतिमान रह सके तथा उन नियमों के द्वारा जीवन का संतुलन बनाए रखने के लिए सीमा तय होती है ताकि जीवन में किसी प्रकार का असंतुलन ना हो। ऐसे नियमों की निर्धारित रेखा को ही मर्यादा कहा गया है रिश्तों एवं सम्बन्धों की मर्यादा निभाने पर ही रिश्ते कायम रहते हैं । सौरभ दोहरे इण्डियन हेल्पलाइन न्यूज़

07/05/2021
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